Monday 15 August 2011

जस्ने आजादी

जस्ने आजादी की ६४वी वर्षगांठ पर आपको बधाई , शुभकामनाये ,
मंगल, बिस्मिल, आजाद, भगत , गाँधी, नेहरु, सुभाष , तिलक
आवो सबको याद करे .
देश में हो चैनो-अमन ,
खुदा से ये फ़रियाद करे .
लेकिन यही फ़रियाद एक बार फिर से हमारी माँ भारत माँ आज हमसे कर रही है इस गीत के माध्यम से कुछ इस तरह .....
आजादी के ६४ बरस बाद भी ..
माँ भारती है पुकारती ...
गैरो की गुलामी मुझको मुक्ति मिल गयी
पर देखो मै तो अपनों के ही गुलाम हो गयी
भ्रष्टाचारियो के हाथ सौप मुझको कहते हो.....
मेरा भारत हैं महान ...मेरा .......
देश में बढता भ्रष्टाचार , नक्सलवाद , आंतंकवाद
घाटी से ले बस्तर तक फ़ैल रहा नफरत की आग
क्षेत्रवाद, धर्म- जाती पर मुझको बाँट रहे नेता बइमान
फिर भी कहते हो .... मेरा भारत है महान ...मेरा ....
चौक से लाकर चौराहों तक
संसद की गलियारों तक
बस नेताओ का शोर हैं
कौन सम्हाले मुझको यहाँ
जो ज्ञानी वही बड़ा कमजोर है...
महंगाई से पिसते मेरे लाल , आनाज को तरसते मेरे लाल
पर मंत्री जी का तो बस खेल में ही है ध्यान....
तब भी कहते हो... मेरा भारत है महान ....मेरा ...
घोटालो पे घोटाला हो रहे नित नए रोज
रुपयों के सौदागर मुझको ही बेच देंगे किसी रोज
इसलिए लाल मेरे गहराइयों से अब तू सोच
ऐसे राजनेताओ को संसद में आने से रोक
तू बन सच्चा देश भक्त कर अच्छे लोकतंत्र का निर्माण
फिर बोलना ... मेरा भारत है महान .....मेरा ...
कब तक यु चुप बैठोगे
कब तक ये जुल्म सहोगे
आखिर कब तलक तुम
एक नई भारत की तस्वीर गढ़ोंगे
गरीबी बेरोजगरी से मुक्त भारत की, जब बनादोगे दुनिया में मेरी पहचान ...
तब तुम कहना ... मेरा भारत है महान ...मेरा ....
औपचारिकता की बस बेला है...
स्वत्रंता -गणतंत्र दिवस तो,
अब घंटे भर का मेला है
तिरंगा फहराना एक रश्म निभाना
दिनभर देशभक्ति का गीत बजाना
सुबह होते ही फिर...
मुझको भूल जाना
क्यों , सच कहा ना
इसीलिए ,
अब तो जागो
मत तुम भागो
बोल दो फिर इन्कलाब, खोल के अपने सिये जुबान ...
और फिर बोलो ... मेरा भारत है महान.

वैभव शिव पाण्‍डेय

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