Saturday 6 August 2011

छत्तीसगढ़ी फिल्म मि.टेटकूराम

छत्तीसगढ़ के दर्शक लंबे समय जिस कामेडी फिल्म टेटकूराम का इंतजार कर रहे थे, वो आज प्रदेश के 13 सिनेमाघरो में एक साथ प्रदर्शित हो गई। लेकिन फिल्म दर्शको के उम्मीदों पर खरी उतरी होगी यह कह पाना फिल्म मुस्किल लग रहा हैं। मुझे भी इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार था और बड़े उम्मीद के साथ मैं फिल्म देखने भिलाई के चंद्रा सिनेमा हॉल पहुंचा। लेकिन फिल्म देखने के बाद लगा जैसे यह फिल्म मेंरी अभी तक देखीं छत्तीसगढ़ी फिल्मों से सबसे कमजोर फिल्म थी। मैनें अनुज शर्मा की छइहां भुइंया से लकर महू दीवनां तहू दीवानी तक फिल्म देखीं उनमें अभी तक की सबसे कमजोर फिल्म हैं मि.टेटकूराम । 

मुझे पुरी फिल्म में यह समझ नही आया कि निर्माता -निर्देशक फिल्म को हास्यप्रधान बनना चाहते थे या फिर प्रेमप्रधान या फिर भावनात्मक रंग देना चाहते थे। फिल्म में तीनो का समान रुप दिखाई देता हैं। फिल्म में बेहद ही काम चलाऊ कामेडी हैं जो दर्शको को लोटपोट नहीं कर पाती....फिल्म के गीत-संगीत की बात की जाय तो वह भी साधारण है .....टाइटल सोंग को छोड़कर बाकि गाने सामान्य ही है ....वही अगर अभिनय की बात की जाय तो अभिनेता अनुज ने बेहद ही साधारण अभिनय किया है एक तरह से अनुज अभिनय के मामले में पूरी फिल्म कमजोर दिखे .....वही अभिनेत्री पूजा की एक्टिंग ठीक-ठाक थी .....जबकि हिरोइन के बाप बने पुष्पेन्द्र ने एक बर फिर अपने अभिनय की छाप छोड़ी है ....वही हीरो के दोस्त बने हेमलाल भी अपने अभिनय के मुकाबले फिल्म में कुछ खास नहीं कर पाए ...जबकि गुग्गी सरदार के रूप में संजय महानंद अपने किरदार के साथ न्याय करते दिखे....अगर कहानी की बात की जाय तो कहानी में नयापन था.....पर कहनी के अनुसार पठकथा नहीं लिखी जा सकी .....

पूरी फिल्म में कोई चीज की सबसे ज्यादा कमी दर्शको जो खलती वो है डायलाग .....फिल्म में अच्छे संवाद का न होना फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी है....वही इस फिल्म में निर्देशन भी कुछ खास नहीं था ....याने निर्देशक ने किसी सीन में कुछ रचनात्मक या नया प्रयोग किया हो एसा नहीं लगता ....फिल्म में छत्तीसगढ़ के बहार एक गाना शूट किया गया है जो अच्छा था .....पर लगा नहीं की जैसे कि उस फिल्म में कही उसकी जरुरत भी है .....जिस जगह को निर्माता दर्शको को दिखाना चाहते है वैसे नजारे दर्शक अक्सर हिंदी फिल्मों में देखते रहते हैं ....बेहतर होता छत्तीसगढ़ के कही अछे लोकेशन को दिखा पाते....अनुज शर्मा एक अच्छे अभिनेता हैं उसे फिलहाल अपने अभिनय और अपने लुक पर मेहनत करना चाहिए .....खास तौर पर अनुज को अपने लुक में बदलाव करने की जरुरत हैं ...वही उसे अब किसी एक्शन फिल्म के साथ नये रंग-रुप में आना चाहिए....साथ ही अनुज को अभी सिर्फ और सिर्फ अभिनय पर ध्यान देना चाहिए... फिल्म निर्माण पर कुछ समय बाद ध्यान देना सही होगा।

सुधी दर्शक

वैभव शिव

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