Wednesday 8 February 2012

“छत्तीसगढ़ी गीत” “सूचना के अधिकार”

“छत्तीसगढ़ी गीत”
“सूचना के अधिकार”
सूचना के अधिकार आगे रे ।२
सुन ग कका..सुन ओं काकी ।
सुन ग ममा...सुन ओं मामी ।
लोकतंत्र म सुसासन के अधार आगे रे ।
सूचना के अधिकार आगे रे ।
सूचना के अधिकार आगे न ।

का-का होइस काम कहां ।
कतका मिलिस दाम कहां ।
ये अधिकार के उपयोग ले,
सबो जिनिस ल जान लिहा । २
भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचारी मन ल बुखार आगे रे।
हां जब ले अधिकार आगे रे ।
सूचना के अधिकार आगे रे ।
सूचना के अधिकार आगे न।

संगी-साथी अउ किसान।
पढ़े-लिखें मोर गबरु जवान।
ये अधिकार हे बढ़ सक्तिसाली,
एला जवों तुम पहिचान।२
भ्रष्टाचार ल रोकेबर अंहिसा के हथियार आगे रे...
हां जब ले ये अधिकार आगे रे..
सूचना के अधिकार आगे रे...
सूचना के अधिकार आगे न..
वैभव शिव पाण्डेय “क्रांति”

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