अन्ना
विपरीतकाले विनाश बुद्धि। जब विनाश निकट को बुद्धि काम करना बंद कर देती हैं। ठीक इस समय जैसा सरकार की बुद्धि काम नहीं कर रही हैं ,क्योंकि उनका विनाश निकट हैं। पहले उन्होनें अन्ना पर कुछ का कुछ आरोप लगाए फिर अनशन पहले उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिए और फिर जे.पी.पार्क की जगह रामलीला मैंदान में अनशन की इजजात दे दी। वही रामलीला जहां हर साल राम और रावण के बीच युद्ध होता हैं। और विजयी कौन होता हैं सभी जानते हैं। अब इसी राम लीला मैंदान अन्ना युद्ध लड़ने जा रहे हैं भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ । जहां पर अंहकारी सरकार का विनाश होगा। ठीक अंहकारी रावण की तरह ही। अब अन्ना की हिंसात्मक बाण से भ्रष्ट सरकार को कोई नही बचा सकेगा क्योंकि उसके पाप का घड़ा भर चुका हैं और वो अब फुटकर ही रहेगा। वैभव शिव पाण्डेय
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